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मुक्कमल किताब हूँ तेरी ही अल्फ़ाज़ हूँ अधूरा सा खुआब

मुक्कमल किताब हूँ
तेरी ही अल्फ़ाज़ हूँ
अधूरा सा खुआब हूँ
पर लाजवाब हूँ
सपनो में जो आई थी
बस जरा सा मुस्कुराई थी
ये देख दिल खुशगवार हुआ
फिर मिलने का जिंदगी भर इंतज़ार हुआ
anilkewat8083

Anil Kewat

New Creator

मुक्कमल किताब हूँ तेरी ही अल्फ़ाज़ हूँ अधूरा सा खुआब हूँ पर लाजवाब हूँ सपनो में जो आई थी बस जरा सा मुस्कुराई थी ये देख दिल खुशगवार हुआ फिर मिलने का जिंदगी भर इंतज़ार हुआ

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