#OpenPoetry एक दरिया हूं समुंदर सा समुद्र में घुल जाना है , तुम्हें है कल की फिकर मैं तो आज हूं आज ही मर जाना है , रंग बदलते मौसम बदलता ओर मौसम बदलते सब बदल जाना है , मुझे ना चाहिए शोहरत का कस्बा एक दिन इसी मिट्टी में मिल जाना हैं , चलती हवाओं ने रुख बदला इन्हें भी कुछ कर जाना है , लगता हवावो को भी हवा लग गई खुद हवावो ने भी यह माना हैं , #OpenPoetry ek dariya hu.. #life #dariya #aaj #live #nojoto #hindi #trend #srk4u #skwrites