बचपन और रूठना जिद पूरी ना होने पर मेरा रूठ जाना बहुत याद आता है माँ वो तेरा प्यार से मनाना सच कहुँ तो वो दिन ही कुछ और थे सच बहुत याद आता है बचपन का रूठना और मनाना।। #अंकित सारस्वत # #बचपन #और#रूठना