हताश जब पर में उड़ान भरने का हौसला छोटा लगने लगे अब घोसला तब पँछी भरता है उड़ान अपने आसमान में निर्भीक निडर बस अनन्त आसमान में उड़ते रहने को सभी पुराने नए बड़े छोटे पँछी उसकी हौसला अफ़ज़ाई करते हैं उड़ते उड़ते वो टकरा जाता है किसी विशाल वट से आने लगता है धरा पर वह पट से अब पँख उसके थकने लगते हैं सारे साथी दूर बहुत दूर भगने लगतें हैं धरा पर गिरने से पहले खूब वो ज़ोर लगाता है हताश होने से पहले सब दमखम वो लगाता है किसी तरह वो लौट कर वापस अपने घरौंदे वो आता है इंतज़ार में नई उड़ान नए सवेरे का क्योंकि जिनके हौसले आसमान चूमने के होतें हैं वो कभी नहीं होते हैं हताश। #NojotoQuote हताश जब पर में उड़ान भरने का हौसला छोटा लगने लगे अब घोसला तब पँछी भरता है उड़ान अपने आसमान में निर्भीक निडर बस अनन्त आसमान में उड़ते रहने को सभी पुराने नए बड़े छोटे पँछी उसकी हौसला अफ़ज़ाई करते हैं