है रक्ततुंड,तुम कितना प्यारा बिरहा गीत, पिंजरे में कैद हो गाते हो, अपने सुमधुर गीतों से, क्या प्रेयसी को बुलाते हो, पता है तुमको भी की, प्रेयसी तुमसे मिलने, पिंजरे में कभी ना आयेगी, पिंजरे की दीवार से रगड़ रगड़, रुदन-क्रंदन कर, चोंच तुम्हारी टूट जाएगी, तुमको देख में समझ चुका हूं, इस मृत्युशया पे पड़ा हुआ हूं, वियोगी, व्यथित, शोकाकुल हूं, मैं अपने प्रियजनों की आस में, कोई नहीं आएगा मृत्यु घड़ी में, अब मेरे पास में, मतलबी दुनिया के मौकापरस्त लोग, बिन मतलब किससे मिलने आते हैं, बिन प्यास जल भी नहीं भरते, या नदी के पास वह जाते हैं Abhishekism 💕 to be continued #बिरहागीत @abhishekism #abhimantra #poem #poet #quote #poeticatma @poeticatma @nojoto