मैं कागज कलम ले लिखना शुरू की हूं मैं फिर से तुझे पढ़ना शुरू की हूं तेरी याद जैसे ही वैसे कलम तेरा नाम पर रूक गई तुझे क्या पता तुझे से शुरू तुझी पर खत्म कर देती हूं तू साथ नहीं फिर भी तेरा जिक्र कर देती हूं।।। Shruti Garg