किस्मत अगर अपनी किस्मत हम सब खुद लिख रहे होते, तो जाने अनजाने में कितनों को दुखी करके में ख़ुश हो रहे होते, शुक्र है मेरे मालिक का उसने इस पाप से बचा लिया, जो दिया उसने मुझे मेरा मन उसी में समा लिया।। #33