{ PART:- 2} आये हो तो खुलकर रोएंगें, तसल्ली से पूरे महीने का हिसाब चुकता करेंगें। अपने अफसोस का, अपनी गलतियों का, अपने जोश का। खुले मन से रोएंगें, मालूम न पड़े किसी को, बारिश की बूँदों में छिपा लेंगें आँसुओं को। हुआ कितना इंतजार, सावन तेरे प्यार में ! #हुआ_कितना_इंतजार_सावन_तेरे_प्यार_में #PART2 omkarsharmablog.wordpress.com