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अगर हम बच्चे होते, तो माँ की गोद में सोते, माँ गर

अगर हम बच्चे होते, तो माँ की गोद में सोते, 
माँ गर नाराज होती, थप्पड़ खाते और रोते !
अंगुली पकड़ कर पिता जी हमें सिखाते चलना,  
माता जी हमें झुलाती प्रतिदिन पालना !
बच्चे तो होते हैं, हर घर का खिलौना, 
हमारी किलकारियों से गूंजता घर का कोना कोना !
अगर हम बच्चे होते, तो माँ की गोद में सोते, 
माँ गर नाराज होती, थप्पड़ खाते और रोते !
अंगुली पकड़ कर पिता जी हमें सिखाते चलना,  
माता जी हमें झुलाती प्रतिदिन पालना !
बच्चे तो होते हैं, हर घर का खिलौना, 
हमारी किलकारियों से गूंजता घर का कोना कोना !