यूँ ही नहीं तम्मना कुछ कर दिखाने की,
मैंने लोगो को उनके अच्छे वक़्त में मुंह फेरते देखा हैं,
यूँ ही नही करती मैं ख़्वाहिश ख़ुशियों की,
मैंने खुद को दूसरों के लिए बेमतलब रोते देखा हैं,
यूँ ही नहीं हुई पत्थर दिल सी मैं ,
मैंने खुद को कई बार टूटते देखा हैं, #my