Nojoto: Largest Storytelling Platform

तारों को छुपा कर हमसे इतरा रहा था बादल, उसे क्या प

तारों को छुपा कर हमसे इतरा रहा था बादल, उसे क्या पता था की हम जुगनुओं की झिलमिलाहट देखने निकल जाएंगे।। --धीरज #khwaaish #poem #nature #2liners #love #writer
तारों को छुपा कर हमसे इतरा रहा था बादल, उसे क्या पता था की हम जुगनुओं की झिलमिलाहट देखने निकल जाएंगे।। --धीरज #khwaaish #poem #nature #2liners #love #writer