जिंदगी की इस रफ्त्तार मे, धूल गए है सभी नाम... गैरों से क्या उम्मीद करे, ज़ब अपने ना आते काम, भूल जा तू, उस बात को, छोड़ दे, बेकार जिद्द, लौट कर आते नहीं थे फरिस्ते जो करीब... हर तरफ है, नफरतो का जल रहा है, दीप जो बुझ नहीं सकता कभी वो इस कलयुग संसार मे......... # jindagi