मोहब्बत में सिकायते बहुत हो रही है, इश्क़ में मिलावटे बहुत हो रही है। सोचा एक दरिया बनाऊ मोहब्बत की रोज जाल लगाऊं और देखूं कितने इश्क के केकड़े फसते हैं। #इश्क़