कहाँ हाे तुम...? न आजकल तुम हमारे सपनों में हों न ही तुम उस ठिकाने पर हों। अगर तुम होतें...तों जहां अक्सर मुलाकातें होती... वहाँ सिर्फ तुम्हारी यादें न होती। न जाने कहाँ...पर मैंने कहीं तुम्हे खो न दिया हों। by pritika #khahotum@