तो आज फिर हम मरे हुए रावण को मारेंगे
और वही बचपन मे जो पढ़ा था उसके मुताबिक़
अच्छाई से बुराई पर हम जीत तो पालेंगे
पर असलियत में हर साल की तरह इस साल भी हम हारेंगे
क्योंकि मरे हुए को मार हम क्या ही पालेंगे
फर्क तो तब पड़ेगा
जब हम सब अपने अंदर पनप रहे
अहंकार, मतलब, द्वेष और क्रोध का रावण मारेंगे।। #do_dhakka