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White सुकूँ मिलता नहीं जब भी तो माँ की याद आती है

White सुकूँ मिलता नहीं जब भी तो माँ की याद आती है
कि जैसे बारिशों की रुत में छतरी याद आती है

कहीं इस शहर की आब-ओ-हवा में दम न घुट जाए
कि मुझको गाँव की सौंधी सी मिट्टी याद आती है

तरक़्क़ी के शिखर पर जब पहुँचते हैं तो अक्सर ही
वो ना-समझी में ज़ाया की जवानी याद आती है

भला वो बाप हाथों के किसे छाले दिखाए अब
जिसे घर बैठी इक बेटी सियानी याद आती है

©Arshe Alam #mothers_day #everydaymotherday #maa #Mother
White सुकूँ मिलता नहीं जब भी तो माँ की याद आती है
कि जैसे बारिशों की रुत में छतरी याद आती है

कहीं इस शहर की आब-ओ-हवा में दम न घुट जाए
कि मुझको गाँव की सौंधी सी मिट्टी याद आती है

तरक़्क़ी के शिखर पर जब पहुँचते हैं तो अक्सर ही
वो ना-समझी में ज़ाया की जवानी याद आती है

भला वो बाप हाथों के किसे छाले दिखाए अब
जिसे घर बैठी इक बेटी सियानी याद आती है

©Arshe Alam #mothers_day #everydaymotherday #maa #Mother
shahan2840517842884

Arshe Alam

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