आँखों ही आँखों मे प्यार होना, सही है क्या? बिन समझे बिन जाने, किसी पर, एतबार होना, सही है क्या? जानते है सभी, ये दरिंदगी की दुनिया है, फिर भी प्यार मे डूबकर, खुद को मिटाना, सही है क्या? आज हर रिश्ता, इतना कमजोर है की, कोर्ट की दहलीज पर टूट रहा है, फिर भी अपनी जिंदगी को, किसी दूसरे के सहारे छोड़ना, सही है क्या? हम सबकी जिंदगी अनमोल है यहां हर फैसला सोच कर करे, हर बार ये दूसरा हमे समझाये, ये जरूरी है क्या? #december # आँखों ही आँखों मे प्यार