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इंसान की फितरत को समझते है परिन्दे.. कितनी भी मुहब

इंसान की फितरत को समझते है परिन्दे..
कितनी भी मुहब्बत से बुलाओ पास नहीं आते..
इंसान की फितरत को समझते है परिन्दे..
कितनी भी मुहब्बत से बुलाओ पास नहीं आते..