Impossible देखा है अक्सर मैने जब दौर मुसीबतों का आता है घर का बड़ा छोटा और सबसे छोटा बड़ा हो जाता है खुद चाहे चल ना सके अपनों की बैसाखी हो जाता है वो हालात भी क्या हालात होते हैं कि बस रोना आता है फ़िर भी जाने कैसे वो पलक झपकते सम्भल जाता है ©के मीनू तोष