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तेरे शहर की ओर अब भी देखता हूं अनचाहे बढ़े मेरे कद

तेरे शहर की ओर अब भी देखता हूं
अनचाहे बढ़े मेरे कदम जो तेरी ओर... मैं आज भी झल्लाकर खुद को रोकता हूं...
कोसता हूं ठिठुरता हूं...
हर शाम मायूसी की क़ैद में बन्द मैं ख़्वाबों में उसको खोजता हूं
मगर मैं तेरे शहर की तरफ अब सिर्फ़ देखता हूं।। #नोजोटो #hindinojoto #nojoto #shayar #punjab #samjhlo
तेरे शहर की ओर अब भी देखता हूं
अनचाहे बढ़े मेरे कदम जो तेरी ओर... मैं आज भी झल्लाकर खुद को रोकता हूं...
कोसता हूं ठिठुरता हूं...
हर शाम मायूसी की क़ैद में बन्द मैं ख़्वाबों में उसको खोजता हूं
मगर मैं तेरे शहर की तरफ अब सिर्फ़ देखता हूं।। #नोजोटो #hindinojoto #nojoto #shayar #punjab #samjhlo