*तूफ़ान के हालात है ना किसी सफर में रहो...* *पंछियों से है गुज़ारिश अपने शजर में रहो...* *ईद के चाँद हो अपने ही घरवालो के लिए...* *ये उनकी खुशकिस्मती है उनकी नज़र में रहो...* *माना बंजारों की तरह घूमे हो डगर डगर...* *वक़्त का तक़ाज़ा है अपने ही शहर में रहो...* *तुम ने खाक़ छानी है हर गली चौबारे की...* *थोड़े दिन की तो बात है अपने घर में रहो....!!*🙏💐🙏 *तूफ़ान के हालात है ना किसी सफर में रहो...* *पंछियों से है गुज़ारिश अपने शजर में रहो...* *ईद के चाँद हो अपने ही घरवालो के लिए...* *ये उनकी खुशकिस्मती है उनकी नज़र में रहो...* *माना बंजारों की तरह घूमे हो डगर डगर...* *वक़्त का तक़ाज़ा है अपने ही शहर में रहो...*