❤चेहरा मेरा था निगाहें उसकीं, ख़ामोशी में भी वो बातें उसकीं, मेरे दिल पे गज़ल लिखती गईं, शेर कहती हुई आँखें उसकीं! शोख लम्हों का पता देने लगीं, तेज आती हुई आहट उसकीं! ऐसे मौसम भी गुजारे हमने, ❤इश्क में❤ सुबहें जब अपनी थीं शामें उसकीं!❤