ना जाने कब तक खुद को समझाऊं मैं कितना ही समय ये सोच के बिताऊं मैं क्या किया है, और क्या करना है मुझे मिलता भी जीवन एक बार ही है तो क्यों न मुझे मेरे स्वतंत्र रूप से छोड़ दिया जाए क्यूं बंधी हूं मैं, क्यूं रूकी हूं मैं क्या किया है, और क्या करना है मुझे नारी सशक्त हो रही है, लेकिन मैं.. मैं क्यूं नहीं काश! स्वतंत्र हो जाऊं मैं खुद को खुद मैं ही पाऊं मैं #विचार #नारी #सशक्त #कविता #nojotoquotes #nojotoshayari