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शहर शहर की अनजान इमारतों से कुछ सपने थे मेरे । न

शहर शहर की अनजान इमारतों से
 कुछ सपने थे मेरे ।
न जाने यह लोग यहां के सब अजनबी 
थे मेरे । #NojotoQuote #safar_e_zindagi
शहर शहर की अनजान इमारतों से
 कुछ सपने थे मेरे ।
न जाने यह लोग यहां के सब अजनबी 
थे मेरे । #NojotoQuote #safar_e_zindagi