बचपन में जो देखा है वो सपना कब आयेगा जो रात सदियों से है वो अंधेरा कब जायेगा यू बदलते रहते हैं दिन को रात में पर सदियों तक सबेरा कब आयेगा नया सबेरा कब आयेगा