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जो धुप ढली थी कल शाम को, कल सवेरे फिर खिल जायेगी।

जो धुप ढली थी कल शाम को, कल सवेरे फिर खिल जायेगी।
इस गहरी रात की सुबह फिर आयेगी।।
                                             Instagram @biharan_tale.
चीड़ इस खामोशी को, पंछी फिर से गायेगी,
इस गहरी रात की सुबह फिर आयेगी।।

पंख समेटी ये तितलियाँ, फुलों पर फिर मडरायेगी,
शांत पडी़ ये गलियाँ, फिर से शोर मचायेगी।।
.
इस गहरी रात की सुबह फिर आयेगी।
~बिहारन❤
जो धुप ढली थी कल शाम को, कल सवेरे फिर खिल जायेगी।
इस गहरी रात की सुबह फिर आयेगी।।
                                             Instagram @biharan_tale.
चीड़ इस खामोशी को, पंछी फिर से गायेगी,
इस गहरी रात की सुबह फिर आयेगी।।

पंख समेटी ये तितलियाँ, फुलों पर फिर मडरायेगी,
शांत पडी़ ये गलियाँ, फिर से शोर मचायेगी।।
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इस गहरी रात की सुबह फिर आयेगी।
~बिहारन❤