जब से बिहार में मयख़ाना बंद हो गया चीख-पुकार सड़क पर अब कम हो गया नुक्कड़ पर जो टल्लम -टल्ली रहते थे अब तो उसका भी ज़माना लद गया हमारे शहर से अब हादसा टल गया । चोरी -छिपे तो लोग इश्क़ भी करते हैं इश्क़ की सज़ा नहीं बनाई है ख़ुदा ने खून का प्यासा अब इन्सान हो गया है मुहब्बत भी करना अब गुनाह हो गया कल मियाँ साहब का स़र कलम हो गया ।