नारी- जगविधात्री।।। नार है नारी, ग्रीवा है नारी, जगविधात्री शिवा है नारी। नारी सबल प्रबला है नारी, ईश की अद्भुत कला है नारी। जन्मदात्री, पथद्रष्टा है नारी, सम्बल नारी, दुखहर्ता है नारी। मातृ बहिन बेटी जाया है नारी, प्रेम की अद्भुत काया है नारी। नारी शक्ति, संग्गामिनी है नारी, भावो की भी स्वामिनी है नारी। शब्द कहाँ कहे जो क्या है नारी, लक्ष्मी काली और जया है नारी।। ©रजनीश "स्वछंद" #NojotoQuote नारी- जगविधात्री।।। नार है नारी, ग्रीवा है नारी, जगविधात्री शिवा है नारी। नारी सबल प्रबला है नारी, ईश की अद्भुत कला है नारी। जन्मदात्री, पथद्रष्टा है नारी, सम्बल नारी, दुखहर्ता है नारी।