जब तन्हाई में बात करने को कोई नहीं होता है,तो ये दिल बहुत रोता है ।किसी दोस्त ने खुब कहा है गभरा मत ,बड़े लोगो के साथ शुरू में एसा ही होता है। अरविन्द राणा