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इसे तरक्की कहूं मैं इसकी , या समाज को बद्दतर बोलू

इसे तरक्की कहूं मैं इसकी ,
 या समाज को बद्दतर बोलूं ?
आज फिर कोई लुटा होगा ,
 इस डर से कैसे रोज अख़बार खोलूं ?

हवस कुछ भी करवाएगी इंसान से ,
 उसे पता तो होगा एक बात पूछूं ?
क्यों बनाया ये पत्थर ,
 वो है या नहीं सवाल ये हर बार पूछूं ? 

यहां सबको खुद की पड़ी बस ,
 इंसानों में इंसान की औकात नहीं है ।
समझ में आ रहा है खेल ,
 वो ऊपर है भी तो उसमें कोई बात नहीं है ।
-Dr Gora #smaaj #swaal #izzat #mythoughts #DrGora #nojotoHindi
इसे तरक्की कहूं मैं इसकी ,
 या समाज को बद्दतर बोलूं ?
आज फिर कोई लुटा होगा ,
 इस डर से कैसे रोज अख़बार खोलूं ?

हवस कुछ भी करवाएगी इंसान से ,
 उसे पता तो होगा एक बात पूछूं ?
क्यों बनाया ये पत्थर ,
 वो है या नहीं सवाल ये हर बार पूछूं ? 

यहां सबको खुद की पड़ी बस ,
 इंसानों में इंसान की औकात नहीं है ।
समझ में आ रहा है खेल ,
 वो ऊपर है भी तो उसमें कोई बात नहीं है ।
-Dr Gora #smaaj #swaal #izzat #mythoughts #DrGora #nojotoHindi