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जीवन जुलसें या हृदय जले, या फिर चीखों से कंठ गले,

जीवन जुलसें या हृदय जले,
 या फिर चीखों से कंठ गले,
 सीने में चाहे धुन्ध पले,
सिद्धान्त रहे न कभी टले ।।
 सुमित उपाध्याय जीवन जुलसें या हृदय जले,
 या फिर चीखों से कंठ गले,
 सीने में चाहे धुन्ध पले,
सिद्धान्त रहे न कभी टले ।।
 सुमित उपाध्याय
 #principle #सिद्धांत #sumitupadhyay
जीवन जुलसें या हृदय जले,
 या फिर चीखों से कंठ गले,
 सीने में चाहे धुन्ध पले,
सिद्धान्त रहे न कभी टले ।।
 सुमित उपाध्याय जीवन जुलसें या हृदय जले,
 या फिर चीखों से कंठ गले,
 सीने में चाहे धुन्ध पले,
सिद्धान्त रहे न कभी टले ।।
 सुमित उपाध्याय
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जीवन जुलसें या हृदय जले, या फिर चीखों से कंठ गले, सीने में चाहे धुन्ध पले, सिद्धान्त रहे न कभी टले ।। सुमित उपाध्याय #principle #सिद्धांत #sumitupadhyay #Poetry