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किस दौर से किस दौर में, हम आ गये हैं। कि आधे से ज्

किस दौर से किस दौर में, हम आ गये हैं।
कि आधे से ज्यादा लोग तो, पगला गये हैं।।

इस जीओ के रीचार्ज में, कुछ लुट गया हूँ मैं,
और मोदी जी भी पन्द्रह लाख, मेरा खा गये हैं।।

घर में सब्जी बनाने को भी, आलू नहीं बचा
ये राहुल-सोनिया, सोना उसे बना गये हैं।।

इस देश के विकास, और तरक्की के नाम पे,
जनता को ये लोग, ...................बना गये हैं।।
(fill in the blank)


intensely Left Blank... अब दो टके कि Politics के लिये
 लाख रुपये की कविता क्यूं बरबाद करना किस दौर से किस दौर में, हम आ गये हैं।

Kis daur se kis daur me hum aa gaye hai.
ki aadhe se jyada log to, pagla gaye hai.

is jio k recharge me, kuch lut gaya hu mai,
aur modi ji bhi pandrah lakh mera kha gaye hai.
किस दौर से किस दौर में, हम आ गये हैं।
कि आधे से ज्यादा लोग तो, पगला गये हैं।।

इस जीओ के रीचार्ज में, कुछ लुट गया हूँ मैं,
और मोदी जी भी पन्द्रह लाख, मेरा खा गये हैं।।

घर में सब्जी बनाने को भी, आलू नहीं बचा
ये राहुल-सोनिया, सोना उसे बना गये हैं।।

इस देश के विकास, और तरक्की के नाम पे,
जनता को ये लोग, ...................बना गये हैं।।
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intensely Left Blank... अब दो टके कि Politics के लिये
 लाख रुपये की कविता क्यूं बरबाद करना किस दौर से किस दौर में, हम आ गये हैं।

Kis daur se kis daur me hum aa gaye hai.
ki aadhe se jyada log to, pagla gaye hai.

is jio k recharge me, kuch lut gaya hu mai,
aur modi ji bhi pandrah lakh mera kha gaye hai.

किस दौर से किस दौर में, हम आ गये हैं। Kis daur se kis daur me hum aa gaye hai. ki aadhe se jyada log to, pagla gaye hai. is jio k recharge me, kuch lut gaya hu mai, aur modi ji bhi pandrah lakh mera kha gaye hai. #Shayari #gazal #कविता #Love  #mukeshguptaquotes