कोई कहे दिल वालों की है।कोई कहे मतवालों की है। हम ने रह बरत क देखी।ये तो बस कंगालों की है। हम को तो तेरी दिल्ली मैं मिली है बेवफ़ाई। इन भोले भाले छोरा क।तेरी दिल्ली रास ना आई। इन हरियाणा के छोरा क ।तेरी दिल्ली रास ना आई। पार्क कॉलेज मैं बैठे मिल जा,जगह जगह प जोड़े। हवस के भूखे ज्यादा दिखे प्यार कर्ण मैं थोड़े। छोड़ क हाथ अपने का।दूजे की पकड़े कलाई। इन भोले भाले,,,,,,,,,,,,,। घर वालो का जीत भरोसा।लगा बहाना जॉब का पैसे खातिर बॉस पटा ले।चहरे प आजा रौब सा। बाप समान बूढ़े की फिर बन के फिरे लुगाई। इन भोले भाले,,,,,,,,,,,,,,,। मन की काली तन की गौरी।दिल्ली वाली छोरी। किसे न बांधे किसे न खिंचे ।बांध प्रेम की डोरी। देके किसे त प्यार निशानी।किसे और त कर ले सगाई। इन भोले भाले,,,,,,,,,,,,,,। मैं न छोड़ क और टोह लिए।जाती जाती कह जा दुनिया खाली कर जा म्हारी।बस सपना मैं रह जा। सच्चा प्यार ना मिले दोबारा ।को इन न समझावे। जावे कोई अपना छोड़ क।वो जगह कदे ना भर पावे। टूटा दिल तेरी दिल्ली मैं।कैसे करूं भरपाई। इन भोले भाले,,,,,,,,,,,। मजनू मर गया प्यार की खातिर।रांझे न जान गवाई। ऐसी कोई नार ना देखी।दिल त जिस ने निभाई। देके धोखा तन्ने भी।दुनिया की रीत निभाई। इन भोले भाले,,,,,,,,,,,,,,,। चाहे किसे न बुरी या लागो।चाहे लागो अच्छी। पर यारो ये बात तो है।बिल्कुल साँचम सच्ची। जो बीती ताहिर प दुनिया त आन सुनाई इन भोले भाले,,,,,,,,,,,,,,। ताहिर।।। #हरयाणवी सांग दिल्ली रास ना आई।