वो इल्ज़ाम पे इल्ज़ाम लगाता रहा, और मैं ख़ामोश उसके ताने सुनती रही, करती भी क्या? अब अपनी सफाई देने का कोई फायदा ना रहा, उसे अब मुझपे भरोसा ना रहा। #Quotes#shyari