आज जो निकल गए मुझसे मुँह फेरकर, कल रिश्ता मुझसे बढ़ा चढ़ा कर बताएंगे, पहचान न सके वे हमको कोई बात नही, कल मुझे खुद का बेहद ख़ास बताएंगे, बताएंगे मिरी कहानी वे भरी महफ़िल में, मग़र नज़रन्दाज़ किया क्या यह बताएंगे, देखेंगे कितने आते है मुझे अपना कहने, ख़ास खोजूंगा मैं, ख़ास तो सब बताएंगे, वादा है ख़ुद से ,बना लूंगा क़ाबिल ख़ुद को, जो कहते हैं मुझे आवारा, शानदार बताएंगे. -abhay "mohit" आज जो निकल गए मुझसे मुँह फेरकर, कल रिश्ता मुझसे बढ़ा चढ़ा कर बताएंगे, पहचान न सके वे हमको कोई बात नही, कल मुझे खुद का बेहद ख़ास बताएंगे, बताएंगे मिरी कहानी वे भरी महफ़िल में, मग़र नज़रन्दाज़ किया क्या यह बताएंगे,