शरीफों की शराफत,,, अपनों की बगावत,,, बचपन की मोहब्बत,,, को खेल समझकर,,, कभी ललकारना मत|| वरना आतंक नहीं मचती,,, तबाही होती है तबाही|| Shayari with real sense🙏🙏🙏 जमील @अहमद