नव भावों के पुष्प गुच्छ से मन का महल बनाना है जड़ित, गलित समस्त भावों को अब निश्चय भूमिसात हो जाना है! जीवन संग्राम में धैर्य की शैली बाजार में कहीं उपलब्ध नहीं पवित्र भावों की सुगंध बसा लो मन इसके बिना होगा संबद्ध नहीं! ©Rohini Singh #darkness