कभी सोचा नहीं था कभी सोचा नहीं था तुम इतने बदल जाओगे बिन मेरे तुम जिंदगी का सफर तय कर जाओगे हम इंतज़ार में कई सदिया बिताते रहे तुम अपनी नाव खुदबखुद चलाते रहे हमे बीच समुन्द्र तुम यूँ छोड़ जाओगे डूबने की हालत पे यु मुकर आओगे तैरना तो हमने भी सिख लिया उस वक़्त थोड़ा डूबे थोड़ा सम्भले पर किनारे की और पहुँच आये हम भी अफ़सोस बस इतना सा हुआ अनजान सी कश्ती को अपना समझ बैठे वो आयी बस कुछ पल के लिये मुझे मुझमे मिटाने के लिये वादे तुम्हारे झूठे ही थे जो कहे सब अधूरे ही थे आज दोराहे पे लाके छोड़ दी जिंदगी हमारी तुम वही शख्स थे जो कहते थे तुम जिंदगी हो मेरी मुझे बिच मजधार में तुम छोड़ आये यूं ही हम मरते-मरते बच आये फिर भी तुम राहत थे मेरी या चाहत थे मेरी दिल की कही यही बात न जाने झूठी थी शायद