कुछ माता-पिता अपनी संतान को किसी दूसरे नगर में पढ़ने के लिए नही भेज पाते,चिंतित रहते हैं, कि उनकी संतान को पीड़ा न पहुँचे,इसलिए उसे बांध के रखते है,ये प्रेम नहीं हैं, ये मोह हैं, क्योंकि यदि वो चाहते कि उनकी संतान माता पिता की छांव से बाहर निकलकर संसार को देखे, उसे समझे, उससे ज्ञान ले, अपने अनुभवों से सिखकर अपना स्वयं का व्यक्तित्व बनाये। तो ये माता पिता का अपनी संतान के प्रति प्रेम हैं। मोह से भय पैदा होता हैं और प्रेम से केवल आंनद , इसलिए बाँधये मत, मुक्त कीजिये,क्योंकि यहीं प्रेम हैं। #NojotoQuote