वो ये कहकर चले मुझसे, के इतनी मुलाक़ात बहुत है। मैंने भी कहा के रुक जाओ अभी मेरी बातें बहुत है। बस आँसू मेरे थम जाये एक बार फिर बेशक शौक से चले जाना आखिर ऐसे मौसम में कहां जाओगे बाहर अभी बरसात बहुत है ओ कान्हा। ©®राधाकृष्णप्रिय Deepika #राधा #कृष्णा #बरसात #मौसम #विरह #प्रेम #मिलन