दिन की जगह रातें अच्छी लगने लगीं लोगों से ज्यादा ये किताबें अच्छी लगने लगीं शाम की चाय खुद के साथ होने लगी दिललगी से ज्यादा दोस्ती भाने लगी ये किस ओर चल दिये हम जिन्दगी में कि दुनिया से बेहतर ये राहेँ लगने लगीं । #उलझन#जिन्दगी#खूबसूरती #राहें