जिनसे भी जुड़े हुए थे हम दिल से छूट गए सब लोग पुराने आप तो रह गए हैं रिश्ते बस दिखावे के लिए लगते हैं सब रूखे, क्यूँ ना जाने पहले था सब को इक दूजे से सच्चा लगाव किसी का दुख कर देता था सभी को उदास अब नहीं रहा किसी को अपनों के सुख दुख से कोई सरोकार मानवता का भी नहीं रहा इंसान में कोई भी आभास ⭐⭐⭐⭐⭐ 5 testimonials// kavya vividhaa promotional screening by Tanha Raatein 💐🥳🥳काव्य विविधा Challenge: submit before 6a.m the next day,mentioning 'Done' in comment section. No plagiarism please. 💐नमस्कार ! साथियों Tanha Raatein परिवार में आपका हार्दिक स्वागत करते है ..ऊपर दिये गये चित्र को अपने सुंदर शब्दों से सजाएँ । 💐अपने भाव 4 -8 लाईनों में लिखें .... 4-8 लाइन्स verses:छंद-मुक्तक काव्य-शैली उर्दू लफ्ज़ वर्जित हैं रचना में।