तुझे अपनी नजरों से दुर ना जाने देगे हम तुझे अपनी मुहब्बत की डोर से बांधे रहेगे हम तु कितना भी दुर रहे मेरी नजरों से सनम तुझे अपनी साँसों की साँस से जोड़े रहेगे हम मेरे अल्फाज़