गुनाहगारो की बस्ती में एक जायज सा मुद्दा उठा बैठे है, एक तेरी बात रखने को ए दिल हम दुनिया से बात बिगाड़ बैठे हैं! हकीकत के इस बाजार में फिर एक सपना सजा बेठे हैं! फैसला नही है हाथ में फिर भी किस्मत का सिक्का उछाल बैठे हैं, अब तु हमे ना हराना हम तेरे खातिर एक जीती बाज़ी हार बैठे हैं! ©Nilesh गुनहगार की बस्ती #Heart