बचपन और लड़ाई तुम जो इतनी सुंदर हो, खूबसूरत है तन बदन । मन तुम्हारा चंचल है, हलचल मचा देती हो । रंग रूप जो तुमने पाया है, किसने तुम्हे बनाया है । मोहल्ले में सब घूरते हैं, तुमने ऐसी सूरत पाई है । कितनों के सपनों में आती हो, नींदे तुमने उड़ाई है । सड़क पे चलती हो, कितने मचल जाते हैं । तुम्हारी चाल जो मतवाली है, कितनों ने होश खोई है । कई तुम्हारे दीवाने हैं, लाखों तुम्हें चाहते है । कई तो तुम्हें प्यार मैं, क्या क्या नाम देते हैं । कितनों ने तुम्हें बदनाम कर रखा है । कोई तुम्हें तेज, तो कोई चालू कहता है । जिसको तुम भा गई, वह बिना तेरे नहीं रहता है । क़ीमत तुम्हारी इतनी है, सब नहीं ले पाते हैं Sudeep जो बता रहा है, कार की बातें हैं । तुम जो इतनी #सुंदर हो, #खूबसूरत है तन बदन । मन तुम्हारा #चंचल है, #हलचल मचा देती हो । रंग रूप जो तुमने पाया है, किसने तुम्हे बनाया है । #मोहल्ले में सब घूरते हैं, तुमने ऐसी सूरत पाई है ।