घूँघट में तमन्ना है पलकों मे सोया अरमान है हाल ए दिल कैसे कहे क्यूके धड़कनें तो बेजुबान है जबसे जुड़ी नजर तुझसे बन गया अपना हसीं अफसाना जब तु साथ है मेरे तो क्या कर लेगा जालिम जमाना ओ सनम महबुब मेरे इश्क तो आशिको की शान है हाल ए दिल कैसे कहे क्यूके धड़कने तो बेजुबान है तु साथ तो पतझड़ मे भी चाहत के गुल हँसेगी इस विरानी जिन्दगी मे खुशियो की महफिल जमेगी प्यार मे सनम दिल की जमीं ओर पलको का आसमान है हाल ए दिल कैसे कहे क्यूके धड़कने तो बेजुबान है ख्वाहिशे तो दिल मे बनके शोला सुलगता है धड़कन तो खामोश है पर मन मचलता है पल पल कहता है दिल दिवानगी ही मेरा अभिमान है हाल ए दिल कैसे कहे क्यूके धड़कने तो बेजुबान है सुनीताशत्रुहनसिंह नेताम ©Sunitashatruhansingh Netam #हाल ए दिल कैसे कहें