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फौजी:- सुनो! तुम्हें डर नहीं लगता? पत्नी:- किस बात

फौजी:- सुनो! तुम्हें डर नहीं लगता?
पत्नी:- किस बात का?

फौजी:- गर इस बार नहीं लौटा, तो?
पत्नी:- सुनो (खीजकर)!  मैं बड़ी शान से मोहल्ले में कहती फिरूँगी कि "मैंने अपनी चुनरी का सारा रंग तुमसब के दुपट्टों में घोला है"
फौजी:- (गर्व से) "तू अपने फौजी की पक्की फौजन है।

चल इसी बात पर एक झप्पी तो दे"
पत्नी:- (शरमा कर) चलो हटो भी, तुमको तो बस मौका चाहिए लघुकथा:-फौजन #arsh #story #love #emotion #army #force #India #proud #nation #country #sacrifice #sad #pain #wife #man
फौजी:- सुनो! तुम्हें डर नहीं लगता?
पत्नी:- किस बात का?

फौजी:- गर इस बार नहीं लौटा, तो?
पत्नी:- सुनो (खीजकर)!  मैं बड़ी शान से मोहल्ले में कहती फिरूँगी कि "मैंने अपनी चुनरी का सारा रंग तुमसब के दुपट्टों में घोला है"
फौजी:- (गर्व से) "तू अपने फौजी की पक्की फौजन है।

चल इसी बात पर एक झप्पी तो दे"
पत्नी:- (शरमा कर) चलो हटो भी, तुमको तो बस मौका चाहिए लघुकथा:-फौजन #arsh #story #love #emotion #army #force #India #proud #nation #country #sacrifice #sad #pain #wife #man