फ़ोन वैसे ये कहानी मेरी तो नहीं है पर जब मैंने इसे पढ़ा तो सोचा आप लोगो के साथ share करू एक दिन mrs शर्मा अपने क्लास के बच्चो की examकॉपी check कर रही थी,बगल में उनके पति गेम खेल रहे थे। अचानक mrs शर्मा आँखों से आसूं बहने लगे उन्होंने पूछा:-क्यों रो रही हो। mrs शर्मा बोली:-exam में मैंने my wish(मेरी चाह)विषय पर essay लिखने को दिया था। तो शर्मा जी के पति गेम में आँखे गढ़ाए हुए बोले:-तो इसमें रोने वाली क्या बात है। तो mrs शर्मा बोली मैं तुम्हे सुनाती हूँ एक बच्चे ने क्या लिखा है मेरे पैरेंट्स अपने फ़ोन से बहुत प्यार करते है।वो उसकी इतनी देखभाल करते है कि मेरी देखभाल करना भूल जाते है।जब शाम को मेरे पापा थके हारे घर आते है,उस समय उनके पास फ़ोन के लिए समय होता है मेरे लिए नही। जब मेरे पैरेंट्स काम में बिजी होते है तो उनका फ़ोन बजता है तो वो तुरन्त उसका जवाब देते है पर मेरी बातों का नही। बे अपने फ़ोन में गेम खेलते है पर मेरे साथ नहीं।जब वो अपने फ़ोन पर बात कर रहे होते है तो मेरी बात नही सुनते चाहे वो कितनी भी जरुरी क्यू न हो। इसलिए my wish(मेरी चाह) है कि मैं फ़ोन बनूँ। यह सब सुनकर शर्मा जी के आँखों भी आसूं आ गए, शर्मा जी ने पूछा:-उस बच्चे का क्या नाम है ।mrs शर्मा बोली :-"यह हमारी अपनी बेटी ने लिखा है" हमें सांसारिक वस्तुओं के लिए अपने परिवार को नही खोना चाहिये,चाहे वो मोबाइल फ़ोन हो या जमीन फ़ोन हमारे जीवन में सिर्फ एक सुविधा देने के लिए है, हमें गुलाम बनाने के लिए नही। अभी भी देर नही हुई है अपने पारिवारिक जीवन में लौट जाइये। वो समय याद करिये।जब फ़ोन ,इन्टरनेट,और गेम नही था। कुछ समय के लिए अपना फ़ोन साइड में रखिए। अपने बच्चों,परिवार ,दोस्त,माता पिता से भी बात करिये। सबकी नजरो में सकारात्मक उदाहरण बनिए,नकारत्मक नहीं। "प्यार करिये तो प्यार मिलेगा" क्या आपको आपका फ़ोन प्यार करेगा?????? प्रतिभा रॉय kya itna jaruri h phone apke jiwan me 🤔🤔🤔🤔 Honey dwivedi