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मैं खड़ी हूं आज भी वहीं जहां से चली थी कभी बटोर ल

मैं खड़ी हूं आज भी वहीं
जहां से चली थी कभी 
बटोर लाई हूं अनुभवों की पोटली
जहां गांठ ही गांठ है पड़ी
कुछ कड़वे कुछ खट्टे मीठे से वो है
अब नया रास्ता चुनने की बारी है
कोई फरिश्ता राह दिखाएं 
ख़ुदा से बस ये गुज़ारिश है 
_mywords
swatikashyap #फरिश्ता#mywords#nojotohindi
मैं खड़ी हूं आज भी वहीं
जहां से चली थी कभी 
बटोर लाई हूं अनुभवों की पोटली
जहां गांठ ही गांठ है पड़ी
कुछ कड़वे कुछ खट्टे मीठे से वो है
अब नया रास्ता चुनने की बारी है
कोई फरिश्ता राह दिखाएं 
ख़ुदा से बस ये गुज़ारिश है 
_mywords
swatikashyap #फरिश्ता#mywords#nojotohindi
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