अपने रास्ते खुद बनाए हो जिसने उसके रास्ते मे आने का नही जिने पथर इकठ्ठा करने का शौक हो जाएं उने शीशे का घर दिखाने का नहीं जो पाले फिरते हो तुफा आँखो मे कहा मिटी का ढेर बताने का नही जो सजाए फिरते कफन माथे पे कभी उन को तुम आईना दिखाने का नही यह उतार बैठे है महकाने के समंदर पंगली इन पागलों को आखों से पिलाने का नही आखों से पिलाने का नही (Meer) Musher Ali आप समझ दार हो उम्मीद है कि आप सब इस का मतलब समझ जाएं गे